तेरी पलकों
तेरी पलकों की छाया में
मुझको सपना साकार मिला,
तेरी आँखों में ढल कर,
मुझको अपना श्रृंगार मिला।
तेरी काया के शिल्पों में
जीवन को शत कल्प मिले,
तेरी अनुभूतियों पर उठ कर, गिर कर
जीवन को सुंदर सोपान मिले।
तेरी जिह्वा की चंचलता में
संबंधों के शूल-फूल खिले,
तेरी प्रकृति की लहरों पर
मन को अमित, अनवरत
वाम-दक्षिण रूप, प्रेम-अप्रेम मिले।
तेरी बातों में आ-जा कर
मुझको अपना संसार मिला,
तेरे अरमानों की धारों पर
मुझको अपना विस्तार मिला!
-सतीश
Oct 2, 2021.
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