एक छोटी-सी बात

एक छोटी-सी बात कि

भोर की धूप में बैठ लूँ,

उजालों की कथाओं से स्वयं को सेंक लूँ!


हमेशा कुछ लोग, कुछ तत्व बने रहते हैं

जिन्हें रात की प्रतिभाएँ, कलाएँ, शक्तियाँ,

प्रवृत्तियाँ, मनोवृत्तियाँ, प्राप्तियाँ, निर्मितियाँ,

मोहित करती हैं।

पर, उनकी चिंता-व्यथा से दूर,

पीड़ा-खरोंचों से अलग,

विचारों-तर्कों की छीना-झपटी से परे

प्रकाश की आशाओं, संभावनाओं को गुन लूँ,

उनके नये-नये, फैलते-पसरते

वृत्त-विस्तार-विन्यास को चुन, बुन लूँ,

उज्ज्वल संदर्भों से मन को भर दूँ!


रात की कहानी रात-सी ही रहेगी,

थोड़ा प्रात की कहावतों, मुहावरों को पढ़ लूँ,

पकड़-समेट लूँ, गढ़ लूँ! 


-सतीश 

Ko Olina, Hawaii

26 Dec, 2021. 



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