कला-अभिव्यक्ति (The Kashmir Files)

कला की जलती बाती में,

अंतत:, 

इतिहास की आँखें खुली,

भूगोल की जीभ हिली,

समय-देश को गूढ़-गहरी वेदना मिली! 


देश में सुनियोजित

विशद आतंक की त्रासदी,

चीख़ों, पुकारों, पीड़ाओं को,

राष्ट्रीय चेतना के दुर्भाग्यपूर्ण,

भयानक, गंभीर घावों को,

रूप और स्वरूप मिले, 

परख और पहचान मिली;

वर्षों से छिपी, छिपाई हुई

भूली-भुलाई हुई निर्मम व्यथाओं, 

आहत, असहाय संवेदनाओं को,

घातों, आघातों को,

चित्कारों, हाहाकारों को,

देश-व्यवस्था के क्रूर शत्रुओं के खूनी पंजों,

उनके अभेद्य यंत्र-तंत्र की भूमिकाओं को

खुली अभिव्यक्ति, असली थाती मिली! 


कला की जलती बाती में!


-सतीश 

Dec 27, 2021

San Jose, California. 



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