ऐकिक
धर्म की प्रकृति,
प्रकृति का धर्म,
सौंदर्य की धर्म-प्रकृति ! -
मूल, मूल्यों के संधान में मग्न,
मन के गहरे अवगाहन में लीन,
गूढ़, स्वच्छ आत्म-बोध में लय
नैसर्गिक सत्ताएँ -
एकबद्ध, एकात्म, ऐकिक!
- सतीश
May 2/ May 5, 2022
धर्म की प्रकृति,
प्रकृति का धर्म,
सौंदर्य की धर्म-प्रकृति ! -
मूल, मूल्यों के संधान में मग्न,
मन के गहरे अवगाहन में लीन,
गूढ़, स्वच्छ आत्म-बोध में लय
नैसर्गिक सत्ताएँ -
एकबद्ध, एकात्म, ऐकिक!
- सतीश
May 2/ May 5, 2022
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