तर्क और जीवन

जीवन की राहों में 

तर्क आवश्यक होते हैं।


पर, चारों ओर की आपाधापी में,

अच्छा हो, यदि हम 

तर्कों को कम, संबंधों को अधिक जिया करें,

तर्कों को कम, मन-बंधों को अधिक जिया करें,

तर्कों को कम, स्वयं जीवन को अधिक जिया करें! 


और, समय-समय पर,

तर्कों से थोड़ा दूर हटकर,

ज़िद की गाँठों, गुत्थियों को 

हम अनवरत खोलते रहें -

सोच का नया फलक, 

नव अनुभूति-सौंदर्य, 

नव जीवन-विन्यास बनाते हुए! 


⁃ सतीश 

   Oct 7, 2022 






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