पूजा
छोटे-से-छोटे समय की
छोटी-सी छोटी पूजा
अपने आप में सम्पूर्ण हो सकती है,
सात्विक, श्रेष्ठ और सुंदरतम भी।
सोचता हूँ,
पूजा इतनी सहज हो जाये कि
हर पूजा साँस हो जाये,
और, हर साँस पूजा हो जाये! -
प्रकृति से, समिधा, प्रक्रिया, अन्तर्मन से।
-सतीश
Dec 11, 2022.
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