बीज

बीज स्वयं को सिमटाये रखता है

ताकि धरती में गहरे धँस सके;

मिट्टी को ओढ़े अपने को छिपाये रखता है

इस हेतु कि उसके अन्तस्तल की संभावनाओं का 

सम्पूर्ण शरीर साकार हो, विहँस सके;

स्वयं को वह कठोर, रूखा बनाये रखता 

इसलिए कि पौध, वृक्ष अबाधित बनते रहे, बढ़ते रहे,

शाखाएँ दृढ़ हो फैल जायें,

फुनगियाँ मन से उमग, पसर पायें,

पत्तियाँ, फूल, फल तन्मय विकस सकें! 


-सतीश

Jan 13, 2023. 


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