जीवन-यात्रा
जीवन-यात्रा
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जीवन की अनगढ़ यात्रा में
फूलों से हमने बातें की,
काँटों में हमने राहें गढ़ी ।
सोते-जगते, चलते-फिरते, उठते-गिरते
सूरज-चाँद-सितारों से
हमने जीवन की लोरी सुनी !
अनवरत जताती आईं वे लोरियाँ कि
साफ़-सुथरी नियत की उंगुली पकड़
टोहती रहे हर साँस, हर आस
जीवन-यात्रा के छोटे-बड़े लक्ष्यों को;
टोकती रहे हमें हमेशा वह कि
हर पग पर ऊँचे मूल्यों का सत्कार हो,
हर मग पर सत्कर्मों-सत्धर्मों का साथ हो!
सोते-जगते, चलते-फिरते, उठते-गिरते
सूरज-चाँद-सितारों से
हमने जीवन की लोरी सुनी !
-सतीश
Sep 11/Sep 14, 2023.
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