चाँद कटा-कटा क्यों है

 शाम हो रही है! 

चाँद दक्षिण में आकाश के मन पर ऊँचे टँका है, 

पश्चिम के सूरज को 

टकटकी दृष्टि से देख रहा है!


जाते-जाते भी सूरज 

अपनी कर्म-कृति में लीन लाल-लाल है। 


सूर्य-विभा को ले कर भी,

अन्तर्मन से उजल कर भी

अब तक चाँद कटा-कटा क्यों है? 

यों, आधा-अधूरा क्यों है? 


कौन सी हिचक? कौन सा  द्वंद्व ? 

कौन सी टोक?  कौन सी रोक? 

पता नहीं, 

अब तक चाँद कटा-कटा क्यों है? 


सतीश 

Oct 6, 2023 



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