सूरज

सूरज ! 


सूरज उठ रहा है

दूर क्षितिज पर प्रकृति के एक सुंदर मर्म सा,

अँखुआते हुए फूल सानींद से जगे शिशु सा

तम के विस्तार को समेटता हुआ कर्म सा,

नये देश की नई भाषानया रवनया स्वर सा!


-सतीश 

Oct 6, 2023. 

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