एक जीवन-खंड, एक जीवन !
एक जीवन-खंड, एक जीवन !
उन आँखों के घुमाव की अल्हड़ फुर्ती,
ओठों पर मुस्कुराहट की छोटी सी आहट,
फिर, एक खुली, खिली, चौड़ी हँसी!
सुंदर भौंहों की प्रसन्न उठान,
चहकते हुए उनका वक्र होना,
सुमधुर भावनाओं के भार से आनंद-सिक्त होकर
थोड़ा नीचे आ जाना,
स्मृतियों के आर-पार जाती
प्राणवती पुतलियों की सतेज धार;
काजल के सजल भावों की उज्ज्वल भंगिमा!
गालों की हड्डियों पर सौन्दर्य के टीले का अलमस्त चढ़ाव!
तबियत से खुली, उद्विग्नता-रहित पीठ को थपथपाती,
उत्साह-उमंग और विश्वास से भरती,
रह-रह कर फहरती, छहरती केशमाला !
धरती के गुरुत्व से परे
मन के बीचोंबीच लयपूर्ण वलय बनाती,
अपनी आकर्षण-परिधि गढ़ती,
समय-शरीर को ह्रदय की उष्णता देती
संक्षिप्त क्षणों की एक विस्तृत अनुभूति ! -
यह है एक जीवन-खंड,
या कि एक सकल जीवन!
⁃ सतीश
14 जनवरी, 2024
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