चाँद क्यों पूर्ण हुआ ?
चाँद क्यों पूर्ण हुआ ?
ये चाँद क्यों पूर्ण हुआ?
अतिशय शीत रहकर भी,
दागों से भरे होकर भी
धरती के पास रहने की उत्कंठा में,
अग-जग को सह्रदय निहार लेने की उत्सुकता में
मन ही मन लहकता गया,
चाँद निरंतर उजलता गया!
यों वह पूर्ण हुआ, सम्पूर्ण हुआ!
-सतीश
अगस्त 19, 2024.
(सावन-पूर्णिमा)
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