सर्द-शीत ?
सर्द-शीत ?
बाहर का मौसम उतना शीत नहीं है,
उतना रूखा-सूखा, बेदर्द भी नहीं है;
ठंडक घर के भीतर ही पसरी थी,
अपने तेवर में बेतुकी गहरी थी,
रात की सर्दी रात की तरह जमी थी।
बाहर, भोर की किरणें लहलहा रही हैं!
⁃ सतीश
नवम्बर 9, 2024.
सर्द-शीत ?
बाहर का मौसम उतना शीत नहीं है,
उतना रूखा-सूखा, बेदर्द भी नहीं है;
ठंडक घर के भीतर ही पसरी थी,
अपने तेवर में बेतुकी गहरी थी,
रात की सर्दी रात की तरह जमी थी।
बाहर, भोर की किरणें लहलहा रही हैं!
⁃ सतीश
नवम्बर 9, 2024.
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