सूरज सूरज ही होता है
सूरज सूरज ही होता है
सूरज जब छोटे-बड़े बादलों से घिरा होता है,
तब भी वह सूरज ही होता है,
बादल नहीं हो जाता!
वह क्षितिज पर उठना नहीं भूलता,
अरोक दमकता रहता है,
अपनी लालिमा को नभ की नसों में बहा देता है,
श्यामल मेघों को भी स्वर्ण-आभा से भर देता है!
⁃ सतीश
दिसम्बर 5, 2024.
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