छल

छल 


राष्ट्र को, राष्ट्र की अस्मिता को नहीं पहचानना,

उसके साथ सौदा करना,

भाँति-भाँति के बहुआयामी कुतर्क गढ़ना,

विरोध के लिए विरोध करना,

राष्ट्रीय हुए बिना अन्तर्राष्ट्रीय होना,

राष्ट्रीय हुए बिना मानवीय होना का दावा करना

एक आधुनिक छल है,

छल की सुपरिचित विधा है! 


सतीश 

अप्रैल 25, 2025 


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