वासना और प्रेम
वासना और प्रेम
मैं वासना की रात हूँ ?
या प्रेम का शील-प्रात हूँ?
या बस जीवन हूँ, जीवन से सना
जीवन का शृंगार हूँ?
उसका निमज्जित नाद हूँ?
सहज बोध-अबोध में लीन
ताल-धुन, लय, सुर-स्वर हूँ?
⁃ सतीश
अप्रैल 4, 2025
वासना और प्रेम
मैं वासना की रात हूँ ?
या प्रेम का शील-प्रात हूँ?
या बस जीवन हूँ, जीवन से सना
जीवन का शृंगार हूँ?
उसका निमज्जित नाद हूँ?
सहज बोध-अबोध में लीन
ताल-धुन, लय, सुर-स्वर हूँ?
⁃ सतीश
अप्रैल 4, 2025
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