दुनिया ने कहा तुम गुलाब हुए!
दुनिया ने कहा तुम गुलाब हुए!
जब काँटों से बिंध-बिंध कर
तुम लाल-लाल हुए,
दुनिया ने कहा तुम गुलाब हुए!
जब जीवन-धूप को पी-पीकर
हँस-हँस कर तुम खिल उठे,
और अंग-उमंग में, रग-रंगों में
मनभावन, सौंदर्यशील हुए,
सप्रेम लबालब हुए,
दुनिया ने कहा तुम गुलाब हुए!
⁃ सतीश
17 फरवरी , 2025
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