घर और बाहर
घर से निकल कर दूर जाना
तन और मन के
रंग-भावों के लिए अच्छा होता है;
फिर, वापस घर लौटना
और अच्छा लगता है!
दूर और समीप एक दूसरे से अलग नहीं,
यह एकता है बाहर और भीतर की,
ऐकिक, समग्र भाव-पक्ष!
-सतीश
26 Dec, 2021.
घर से निकल कर दूर जाना
तन और मन के
रंग-भावों के लिए अच्छा होता है;
फिर, वापस घर लौटना
और अच्छा लगता है!
दूर और समीप एक दूसरे से अलग नहीं,
यह एकता है बाहर और भीतर की,
ऐकिक, समग्र भाव-पक्ष!
-सतीश
26 Dec, 2021.
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