माँ गंगा
माँ गंगा
तुम तुंग शिखर से धरती पर आयी
हमें जीवन देने के लिए,
तुमने अपने अभिमान को धरातल पर लिटा दिया,
हमारे पालन-पोषण के लिए,
तुम सहजता से बह गयी,
सृष्टि को संजीवनी तरलता देने के लिए,
तुम महासमुद्र में सशरीर, समन विलीन हुई,
हमारे जीवन में लीन-तल्लीन होने के लिए!
माँ-सी!
-सतीश
May 29, 2023.
गंगा-दशहरा
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