नींद
नींद
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सच कहूँ, नींद का ब्योरा कैसे दूँ?
उसका विस्तार कैसे बताऊँ?
उसका विन्यास कैसे रखूँ ?
उसकी जकड़ कैसे जताऊँ?
नींद है-
व्यवस्थाओं की चिर परिचित, पुरातन लत,
सभ्यता के मठाधीशों की विकृत आसक्ति;
मनुष्य बनने से हमारी हिचक,
अपने ही भीतर कुछ उठ जाने के विरूद्ध
अनवरत रोक-टोक की हमारी आदत!
- सतीश
March 16, 2023.
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