तुम

तुम 


तुम 

एक सजीला गात हो,

मन की सहज बात हो,

यादों की धन्य सौग़ात हो,

बिन मौसमऋतु बिना

हर पल सुंदर बरसात हो


  • सतीश 

अक्टूबर 13, 2024

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